सहज योग जानें और आत्म-साक्षात्कार का अनुभव प्राप्त करें!
सहज योग एक ऐसी प्रणाली है जिसके द्वारा आपको सहज रूप से आपका आत्म-साक्षात्कार, आपका आत्म ज्ञान, आपके भीतर होने वाली एक घटना द्वारा प्राप्त होता है। त्रिकोणाकार हड्डी में, जिसे त्रिक (sacrum) कहा जाता है, जिसका अर्थ पवित्र है, एक शक्ति निहित है जो ऊपर उठती है और आपके ब्रह्मरंध्र (fontanelle bone) को भेदती है, जो आपके बचपन में एक कोमल हड्डी थी, और फिर आपके केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर आप सामूहिक चेतना को महसूस कर सकते हैं। एक नया आयाम प्रकट होता है। – श्री माताजी, लंदन, 30 जुलाई 1989
इस वेबसाइट में उपलब्ध सभी ज्ञान को आत्म-साक्षात्कार के अनुभव के बाद ही ठीक से समझा जा सकता है, जैसा कि नीचे दिए गए वीडियो में दिखाया गया है। यह कोई ऐसा ज्ञान नहीं है जिसे अन्य ज्ञान की तरह सीखा या जिसका मानसिक रूप से विश्लेषण किया जा सके, बल्कि ऐसा ज्ञान है जिसे एक नई जागरूकता के ठोस अनुभव के माध्यम से सत्यापित किया जा सकता है।
यह एक ऐसा ज्ञान है जो आपकी चेतना का हिस्सा है जब आप मानसिक गतिविधि से परे हो जाते हैं और निर्विचारिता में प्रवेश करते हैं। यह कुंडलिनी की जागृति के माध्यम से संभव है क्योंकि यह आपको उस स्रोत से जोड़ता है जिसने सब कुछ बनाया है, और आपकी आत्मा से, जो आपके अस्तित्व का सार है।
सहज योग ध्यान के द्वारा आप स्वयं को संतुलित करने और आंतरिक शांति स्थापित करने में सक्षम हो जाऐंगे। इस चेतना के माध्यम से आप एक आत्मसाक्षात्कारी जीव के गुणो से सुसज्ज्त हो कर अपने हाथों और तंत्रिका तंत्र पर ईश्वर की सर्वव्यापी शक्ति की अभिव्यक्ति को महसूस करेंगे।
यह प्राचीन ज्ञान, किसकी प्राप्ति सहज योग के द्वारा सुलभ हो गयी है, हमारी सूक्ष्म प्रणाली से संबंधित है (होम पेज पर वीडियो देखें)।