She is Your individual Mother

She is Your individual Mother 1996-07-14

Location
Talk duration
55'
Category
Public Program
Spoken Language
English
Live Translation
Polish

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The post is also available in: English.

14 जुलाई 1996

Public Program

Teatr Komedia, Warsaw (Poland)

Talk Language: English | Translation (English to Hindi) - Draft

Public Program, Teatr Komedia Warsaw (Poland) 14.07.1996

मैं सत्य के सभी साधकों को नमन करती हूं। प्रारम्भ में, आपको यह जानना होगा कि सत्य क्या है। आप इसे बदल नहीं सकते। आप इसे रूपांतरित नहीं कर सकते।

मात्र एक चीज़ आपको इसे अनुभव करना है। दुर्भाग्य से इस मानवीय चेतना में, आप सत्य को नहीं जान सकते। आपको सत्य जानने के लिए चेतना की एक उच्च अवस्था में विकसित होना है। सत्य को जाने बिना यदि आप किसी चीज़ का पालन करते हैं तो यह बहुत गलत बात है। मसीह ने कहा है: - "आपका पुनर्जन्म होना है"।

यह एक मिथ्या प्रमाणपत्र नहीं है कि मैं पुनः पैदा हुआ हूं, परन्तु संस्कृत भाषा में, हम एक आत्मसाक्षात्कारी आत्मा, अज्ञेयवादी व्यक्ति - एक द्विज, जिसका अर्थ है - "पुनः पैदा हुआ, दो बार जन्मा ।" उसी प्रकार वे उस पक्षी को, दो बार जन्मा मानते हैं क्योंकि वह अंडा और फिर वह पक्षी बन जाता है। पहले वह अंडा होता है और फिर वह पक्षी बन जाता है। अब, इसलिए मनुष्य के रूप में हम अभी भी उस स्तर पर हैं जहां हम पूर्ण सत्य को नहीं जानते हैं। कोई हमें कुछ भी बताता है, हम उस पर विश्वास कर लेते हैं।

हम उसे स्वीकार करने लगते हैं , अनुसरण करने लगते हैं । परन्तु जो भी मैं कह रही हूं आपको उसको भी स्वीकार नहीं करना चाहिए। मैं जो कुछ भी कहती हूं जब तक वह सिद्ध नहीं हो जाता है, आपको इसे स्वीकार नहीं करना चाहिए।

तो, सच क्या है? सच तो यह है कि हम यह शरीर, यह मन, यह अहंकार, यह संस्कार नहीं हैं, लेकिन आप शुद्ध आत्मा हैं। परन्तु यह घटित हो रहा है, यह मात्र एक व्याख्यान या एक वक्तव्य नहीं है, बल्कि यह हो रहा है।

यह बपतिस्मा का यथार्थीकरण है। दूसरी सच्चाई यह है कि हमें बताया जाता है, परन्तु हम नहीं जानते कि एक सर्वव्यापी शक्ति है ईश्वरीय प्रेम की। करुणा की शक्ति जो अत्यंत बुद्धिमान, सचेत, सक्रिय है। यह हमें सभी शास्त्रों में बताया गया है। परन्तु हमने इसे पहले कभी अनुभव नहीं किया।

यह शक्ति सभी जीवन्त कार्य करती है। आप इन सभी सुंदर फूलों को देखते हैं, हम महत्व नहीं समझते हैं। यह एक चमत्कार है। यह एक चमत्कार है कि धरती माता ने विभिन्न प्रकार के फूल, विभिन्न आकार, रंग और सुगंध का सृजन किया है। यह कार्य कौन करता है? यह इस सर्वव्यापी शक्ति द्वारा किया जाता है। यह सर्वशक्तिमान ईश्वर की शक्ति है। इच्छा की शक्ति। हम पिता के बारे में और पुत्र परमेश्वर के बारे में और परम-चैतन्य के बारे में बात करते हैं लेकिन माँ के बारे में क्या?

यह आदिशक्ति मां है। और वह आपके भीतर प्रतिबिंबित होती है, मैंने आपसे कुंडलिनी के रूप में वर्णित किया है।

तीन सहस्त्र वर्ष पूर्व या सम्भवतः और अधिक, लोगों का मानना ​​था कि मातृ देवी हैं।

परन्तु बाद में, वे इसके बारे में भूल गए। तो यह मातृ शक्ति है जो इस कुंडलिनी के रूप में आपके भीतर परिलक्षित होती है।

यह आप सभी के त्रिकोंणाकार अस्थि में हैं, इसे सैक्रम कहा जाता है, इस त्रिकोणीय अस्थि को सैक्रम कहा जाता है क्योंकि यूनानियों को पता था कि यह एक पवित्र अस्थि है। यह आपके भीतर परमचैतन्य का, हमारे भीतर आदि माँ का प्रतिबिंब है। वह आपकी व्यक्तिगत माँ है। वह आपके बारे में सब कुछ जानती है। वह आपके अतीत को जानती है और वह आपकी आकांक्षाओं को जानती है।

और वह इस घटना की प्रतिक्षा कर रही है कि आपको अपना दूसरा जन्म मिले। जब यह कुंडलिनी चढ़ती है तो वह इन छह केंद्रों से गुजरती है, जो हमारे शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक अस्तित्व के लिए जिम्मेदार हैं। हमारी सभी समस्याएं इन चक्रों से आती हैं जब वे क्षतिग्रस्त होते हैं। जब यह कुंडलिनी उठती है तो वह इन सभी चक्रों, का पोषण करती है, उन्हें एकीकृत करती है और इसे इस दिव्य करुणा से भर देती है

क्योंकि यह इस सर्वव्यापी दिव्य शक्ति से जुड़ी है।

अब, इस उपकरण को देखें, यदि यह मुख्य तार से जुड़ा नहीं है, तो यह कार्य नहीं करेगा।

उसी तरह, यदि आप उस ईश्वरीय शक्ति से नहीं जुड़े हैं, जिसने हमें बनाया है, हमें मानव बनाया है, तो हमारा कोई अर्थ नहीं होगा, हमारी कोई पहचान नहीं होगी।

इसलिए आपको यह समझना होगा कि यह हमारे अंदर घटित होनी चाहिए यदि हमें पुनरुत्थान की इच्छा है।

और यह पुनरुत्थान इस समयावधि मे ही संभव है। यह एक विशेष समय है और मैं इसे अंतिम निर्णय के रूप में कहती हूं।

यदि आप नर्क जाना चाहते हैं, तो आप जा सकते हैं।

परन्तु यदि आप चाहते हैं कि आपका पुनरुत्थान हो तो आपके पास इसे प्राप्त करने का पूर्ण अधिकार है।

हर शास्त्र में इसका वर्णन किया गया है, कुरान में इसे कियामा कहा गया है। और यहां तक ​​कि मुहम्मद साहब ने कहा है:

  • जब तक आप स्वयं को नहीं जानते तब तक आप परमात्मा को नहीं जान सकते। ”

मसीह ने बार-बार कहा है

-स्वयं को जानो, स्वयं को जानो। ”

परन्तु क्रूर लोगों ने उन्हें 35 वर्ष की आयु में उस समय मार दिया, जब वह उन्हें सच्चाई बता रहा थे। लेकिन अब समय आ गया है कि आप सभी अपना पुनरुत्थान करें, अपना आत्म-ज्ञान प्राप्त करें। यह होना ही है अन्यथा हम किसी भी सुरक्षा, शांति और आनंद की स्थिरता प्राप्त नहीं कर सकते हैं। मैं वैश्विक शांति की बात कर रही हूं।

लोग एक-दूसरे को धर्म के नाम पर, ईश्वर के नाम पर मार रहे हैं, ये किस प्रकार का धर्म हैं?

धर्म में कुछ भी गलत नहीं है परन्तु जो धर्म के प्रभारी हैं; उनमें कुछ अपराध-पूर्ण है।

क्योंकि वे धन-उन्मुख और सत्ता-उन्मुख हैं।

परन्तु वे आत्मा उन्मुख नहीं हैं।

सबको समझना होगा कि जो कुछ भी लिखा गया है हम उसका पालन नहीं करते हैं।

मसीह पूर्ण शुद्ध नैतिकता में विश्वास करते थे - पूर्ण नैतिकता

और उन्होंने कहा कि किसी को अशुद्ध दृष्टि नहीं रखनी चाहिए ”।

मैं सभी ईसाई देशों में यात्रा करती हूं और मैंने अधिक लोगों को नहीं देखा है जो उस प्रकार के हों।

या तो उनमें लालच है या उनमें वासना है।

उनके पास शुद्ध दृष्टि नहीं हैं। उन्हें शुद्ध आँखें नहीं मिलीं।

वे पुजारी हो सकते हैं, कुछ भी हो सकते हैं

परन्तु उनके पास मसीह की पवित्रता नहीं है।

लेकिन जब कुंडलिनी चढ़ती है, तो वह आपको शुद्ध करती है। वह आपको पूर्णतः शुद्ध करती है, जिससे आप सदाचारी बन जाते हैं। आप अपनी करुणा में इतने शक्तिशाली हो जाते हैं। आप वास्तव में एक संत की तरह बन जाते हैं। किसी को आपको प्रमाणित नहीं करना है; आप जानते हैं कि आप एक संत बन गए हैं।

आज जब हम देखते हैं कि दुनिया में क्या हो रहा है, जिस प्रकार से हमारे युवा झूठे विचारों में लालच में आ रहे हैं, हमें सावधान रहना होगा। उनमें से अधिकांश वास्तव में सच की तलाश कर रहे हैं लेकिन वे पथभ्रष्ट किए जा रहे हैं झूठे गुरुओं और झूठे धर्मों के द्वारा। यह और झूठे नेता भी, ये सब पैसा कमाने के लिए वहां हैं। उन्हें पैसा चाहिए।

वे परमात्मा का आशीर्वाद नहीं चाहते हैं।

तो अब आपको इस पुनरुत्थान को प्राप्त करना होगा

और आपको इस सर्वव्यापी शक्ति का अनुभव करना होगा।

परिणामस्वरूप, आप बिल्कुल परिवर्तित हो जाते हैं और एक नए व्यक्तित्व में विकसित होते हैं।

मैं सदैव एक ऐसे व्यक्ति का उदाहरण देती हूं जो अंधा है या वह अंधेरे में खड़ा हुआ हो सकता है और वह जिद्दी अपने हाथ में एक सांप पकड़े हुए है।

और आप उस व्यक्ति को बता भी सकते हैं कि उसके पास सांप है, क्योंकि वह हठी है, लेकिन यदि थोड़ा सा प्रकाश होता है तो वह तुरंत उस सांप को फेंक देगा।

उसी तरह, हमारी सभी विनाशकारी आदतें समाप्त होती हैं।

मैंने 65 देशों में इस विकास को सुन्दरता से घटित होते हुए देखा है पोलैंड में, मैं यह देखकर प्रसन्न हूं कि अब इतने सहज योगी हैं। बहुत अधिक लोग बहुत सुंदर है। मैं वास्तव में यहाँ नहीं आ रही थी, इस पड़ाव की योजना नहीं थी, उन्होंने मुझे दौरा करने हेतु पोलैंड का नाम नहीं दिया था।

लेकिन मैंने आने का निर्णय किया। मैंने कहा कि पोलैंड में बहुत सुंदर लोग भी हैं। अब, हमें यह जानना होगा कि आत्म-साक्षात्कार प्राप्त होने पर हमारे साथ क्या होता है। सर्वप्रथम, हमारी शारीरिक क्षमता में सुधार होता है। हम मानते हैं कि मसीह ने लोगों को ठीक किया, लेकिन सहज योग में, आप सभी ठीक हो सकते हैं; सभी रोगों से मुक्त हो सकते हैं। दूसरों को भी ठीक कर सकते हैं। ये शक्तियां आपके भीतर हैं। फिर आपका चित्त प्रकाशित हो जाता है और मात्र ध्यान लगाने से आपको पता चल जाएगा कि किसी अन्य व्यक्ति के साथ क्या गलत है। यदि आप अपने चक्रों को सही कर सकते हैं तो आप दूसरों के चक्रों को सही कर सकते हैं। तीसरा, ऐसा होता है कि आप एक बिल्कुल शांत व्यक्तित्व बन जाते हैं। आपके विचार अतीत या भविष्य से सीधे सीधे प्रारम्भ होते हैं। आप अतीत में रहते हैं और आप भविष्य में रहते हैं, लेकिन वर्तमान में नहीं रहते। जब कुंडलिनी जागृत होती है तो वह ऊर्ध्वगामी हो जाती है। और आपको कोई विचार नहीं आते, आप निर्विचार चेतना में आ जाते हैं। आप बहुत शान्ति पूर्ण ‌होते हैं।

और आप साक्षी बन जाते हो और चारों ओर जो कुछ भी है उसे नाटक की तरह देखते हैं। यह ऐसा है जब आप पानी में खड़े होते हैं तो आप लहरों से डरते हैं, लेकिन अगर आप एक नाव में चले जाते हैं, तो आप लहरों का आनंद ले सकते हैं और आप चिंतित नहीं होते; आप बिल्कुल भी चिंतित नहीं होते।

लेकिन, यदि आप तैरना जानते हैं, तो आप लोगों को बचाने के लिए तैर सकते हैं और अन्य लोगों को बचाते हैं, और यह दूसरी स्थिति है जहां आप अपने बारे में पूर्ण रूप से आश्वस्त और आत्म-विश्वासी हो जाते हैं।

यह उस स्थिति के रूप में जाना जाता है जहां आपको अपने बारे में और उस ईश्वरीय प्रेम की शक्ति के बारे में कोई संदेह नहीं होता। एक बार ऐसा होने पर आप सत्य के बीज को फैलाना शुरू कर देते हैं। हमें इस विश्व को बदलना होगा। इस घटना से, आप अज्ञान की सभी बाधाओं को पार कर लेते हैं और आप स्वयं के बारे में और दूसरों के बारे में विज्ञ हो जाते हैं। आप एक जीवंत बन जाते हैं।

यह सब कुछ, अब बहुत आसान है क्योंकि यह एक विशेष समय है और मैं इसे कहती हूं, उत्थान का समय आ गया है। बहुत से लोगों को इसे प्राप्त करना है। बहुत सारे देशों में यह बहुत बड़े स्तर पर सम्पन्न हो रहा है, साथ ही, मुझे विश्वास है कि पोलैंड में भी यह क्रियान्वित होगा।

मुश्किल से दस मिनट लगेंगे, मुश्किल से । क्योंकि शक्ति.., यह प्रेम है। लेकिन मुझे आपको बताना होगा कि मैं आप को बाध्य नहीं कर सकती। यदि आप इसे नहीं चाहते हैं, तो मैं इसे आरोपित नहीं कर सकती।

जो लोग यह प्राप्त नहीं करना चाहते हैं उन्हें हॉल छोड़ देना चाहिए।

यह आपको कोई क्षति नहीं पहुंचाएगा, यह आपको कोई भयानक अनुभव नहीं देगा, लेकिन आपको अपना आत्म-साक्षात्कार मिलेगा।

लेकिन आपको यह जानना होगा कि दो सरल शर्तें हैं जिन्हें आपको पूर्ण करना है। एक यह है कि आप दोषी अनुभव न करें। जो लोग आपको पापी बताते हैं, वे सबसे बड़े पापी हैं। उनके पास ऐसा कहने का कोई अधिकार नहीं है।

तो कृपया आप सबसे पहले यह जान लें कि इस समय आपको स्वयं को पूरी तरह से क्षमा करना होगा।

यदि आपने अतीत में कोई गलती की है तो अब यह समाप्त हो गयी है ...

यदि आप दोषी होते तो आप जेल में होते। मैं यहाँ कहती हूँ कि आपको बहुत ही सुखपूर्वक स्व में स्थित होना चाहिए।

उसी तरह, दूसरी शर्त यह है कि आपको सभी को क्षमा करना होगा। वे कहते हैं कि क्षमा करना बहुत कठिन है,

लेकिन चाहे आप क्षमा करें या क्षमा न करें आप कुछ भी नहीं करते हैं, यह एक मिथक है।

लेकिन यदि आप क्षमा नहीं करते हैं तो आप गलत हाथों में खेलते हैं।

इस समय आपको इस चक्र का पता होना चाहिए, ऑप्टिक चिस्म पर इसका निर्माण बिलकुल इसी तरह से किया गया है, और यदि आप क्षमा नहीं करेंगे तो यह नहीं खुलेगा।

और आपके जीवन के इस महत्वपूर्ण क्षण में,

आप अवसर चूक जाएंगे क्योंकि कुंडलिनी नहीं उठेगी।

आप आश्चर्यचकित होंगे कि आपको आशीर्वाद के रूप में कितनी चीजें मिलती हैं

इसलिए, कृपया अपने ह्रदय से सभी को क्षमा करें,

आपको उनके बारे में सोचने की आवश्यकता नहीं है। आपको यह करना है बस अपने हृदय से कहना है:

-, माँ, मैंने सभी को क्षमा किया ”।

अब, जो लोग जाना चाहते हैं उन्हें व्यवधान डाले बिना

चले जाना चाहिए अब हम आत्म साक्षात्कार प्राप्त करने वाले हैं। अपना ध्यान यहां रखें न कि उन पर जो जा रहें हैं।

तीसरी बात मुझे आपसे अनुरोध करना है कि बस आप अपने जूते उतार दें।

अभी नहीं, आप इसे बाद में लिख सकते हैं। लोगों को आत्म-साक्षात्कार होने दें।

अपने आत्म-साक्षात्कार को प्राप्त करना महत्वपूर्ण है।

मैं आपके सभी प्रश्नों के उत्तर बाद में दे सकती हूं।

सुनो अब, सुनो, भद्र महिला, मैं आपको एक बात बताती हूं। आप जिम्मेदार हैं, निश्चित ही, आप जिम्मेदार हैं।

यह महिला, यह लड़की।

सुनो! सुनो, चुप रहो, चुप रहो, और सभी को परेशान मत करो। तुम मां नहीं हो, तुम बुरी मां हो। तुम एक अच्छी मां नहीं हो । तुमने उस लड़की को किसी पुजारी के पास जाने के लिए बाध्य किया, वह एक वयस्क लड़की थी। मैं तुमसे अभी कहती हूं, बैठो, बैठो, बैठो।

बिलकुल ठीक, उसको बात करने दो, इस तरह से... यह वह है जिसने उसकी बेटी को मार डाला।

मैं आपको सच बताती हूं, क्योंकि इस लड़की ने, आत्महत्या करने से पहले पोलिश भाषा में एक पत्र लिखा है, जिसे हमने पुलिस को दिया था। वह उत्तरदायी है कि

आप इस महिला को देखें, इस लड़की को किसी पुजारी के पास जाने के लिए बाध्य किया जो बहुत बुरा आदमी था, एक बहुत बुरा आदमी।

अब, यह लड़की भाग जाती है, वह रोम आती है।

आ [अस्पष्ट] ... आप सभी के पास आई।

कृपया उसे बाहर ले जाएं।

निरर्थक, बिल्कुल निरर्थक।

आप देखें कि यह पुलिस का मामला था, और उसने [अस्पष्ट] दिया

और उसने अपनी माँ की निंदा करते हुए एक पत्र लिखा।

वह भूत बाधित है। मैं बताती हूं।

आआआ, [अस्पष्ट] उसने बाध्य किया ... [अस्पष्ट]

उसे जाने दो।

सब ठीक है, बिलकुल ठीक है।

आपको चिन्तित नहीं होना चाहिए, मैं भूत उतार दूंगीं ।

उन्हें बताना अच्छा होगा कि क्या हुआ है। कृपया विक्षुब्ध न हो।

वह एक बुरी मां है, बहुत बुरी। असहाय बच्चे, आप जानते हैं, उसे किसी पादरी के पास जाने के लिए बाध्य किया गया था जो एक बुरा व्यक्ति था।

इसलिए वह रोम भाग आई और वहां आश्रम में रहने लगी, और उसके पास पैसे नहीं थे, कुछ भी नहीं। और फिर ऐसा हुआ कि एक दिन इस महिला ने फिर उसे फोन किया और वह डर गई और फिर उसने आत्महत्या कर ली।

और उसने एक पत्र लिखा, जो, पोलिश भाषा में था, जो हमने पुलिस को दिया, और पुलिस ने शव को ले लिया और हमें बताया कि वे इस महिला को इस पत्र के बारे में बताएंगे।

यदि वह आज रोम में होती, यदि वह रोम में होती तो वह उसके पास होती क्योंकि वह उसे किसी पुजारी को बेचने की प्रयास कर रही थी। वह एक बुरा आदमी था। यह माँ होना नहीं है; यह माँ होने का तरीका नहीं है।

वह एक वयस्क लड़की थी, और उसने कभी हमें यह नहीं बताया कि उसकी माँ उसके साथ ऐसा कर रही है,

कई लोग हमारे आश्रमों में आते हैं, वहाँ रहते हैं, उनके पास पैसे नहीं होते, इन सबके बीच यह एक व्यक्ति है जो [अस्पष्ट] एक अपराधी के रूप में कार्य करता है।

पुलिस ने सत्यापित किया कि माँ का फोन था और लड़की ने एक पत्र भी लिखा है और उन्होंने पत्र की एक प्रति इस महिला को भेजी है ।

ऐसे हजारों लोग हैं जो बच गए हैं और एक व्यक्ति ऐसा है जो आपराधिक कार्य करता है और दोष हम पर डालता है।

लेकिन यदि वह रोम गई तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

और आप जानते हैं कि रोम में पुलिस हमारे साथ थी, क्योंकि यही सच्चाई थी।

और मुझे भी लगता है कि उन्होंने पुजारी के साथ कुछ किया है,

मैं बहुत निश्चित नहीं हूं लेकिन वे कह रहे थे।

यह नहीं है, कृपया, यह कैसे एक पादरी एक बुरा व्यक्ति हो सकता है और यह माँ इतनी अंधी है कि उसने अपनी बेटी को इस आदमी के पास भेजा।

और उसे ख़राब चीज़ के लिए बाध्य किया, उसने आत्महत्या कर ली।

और पुलिस भी बहुत चकित थी कि एक माँ ऐसा कैसे कर सकती है।

ऐसे अन्य लोग हैं जो गलत विचारों के लिए अधिक जाने जाते हैं और अपने बच्चों को गलत हाथों में धकेलने की प्रयास करते हैं और वह, सम्भवतः बच्चे सच जानते हैं, यह आश्चर्यजनक है और जब वे बड़े हो जाते हैं, तो माताएं उन्हें नियंत्रित करने और उन्हें गलत कार्यों में लगाने की प्रयास करती हैं।

वे बहुत कम हैं लेकिन ऐसी माताएं हैं, मुझे ज्ञात हैं।

माँ के नाम पर इस प्रकार करना, यह बहुत शर्मनाक है और अब वह मुझे चुनौती देने आई हैं। हमारे पास हज़ारों लोग हैं, कोई भी इस तरह से नहीं कह सकता है, यहां तक ​​कि वह लड़की यदि वह बच गई होती। तो लड़की ने उसे डांटा होगा, उसे कहीं नहीं जाना था।

माता-पिता और बच्चों के बीच कोई समझ नहीं है। वे अपने बच्चों को नहीं समझते हैं और बच्चे अपने माता-पिता को नहीं समझते हैं।

लेकिन कोई भी माँ इस तरह बेटी को बाध्य कर किसी बुरे आदमी के पास नहीं भेजती है, [अस्पष्ट]

जो भी संभव हुआ हमने उसके लिए किया है, और पुलिस ने कहा कि आप हस्तक्षेप न करें और कुछ और [अस्पष्ट]

तो अब, सामान्य अवस्था में वापस आएं। आप सभी को आपका आत्म-साक्षात्कार प्राप्त होगा।

यदि कोई आपको परेशान करता है, तो उसे भूल जाओ। एक माँ को अपने बच्चों से प्यार करना और समझना होता है, वरना बच्चों को कौन समझेगा कि यह मात्र माँ का सम्बन्ध है कि कोई कुछ समझा सके। माँ ईश्वर का उपहार है और उसे क्रूर नहीं होना चाहिए। यदि मैं [अस्पष्ट] मैं उससे मिली होती लेकिन वह किसी की बात नहीं सुनना चाहती थी और यदि वह रोम आयी होती लेकिन वह गिरफ्तार होने से डरती थी। तो कभी-कभी ऐसा होता है, अब कोई बात नहीं है, लेकिन मुझे उस लड़की पर दया आती है, बहुत अच्छी प्यारी लड़की।

सब ठीक है, इसलिए कोई बात नहीं, हमें क्या करना है इस तरह से अपने हाथों को रखना है। ये पाँच, छः, सात चक्र यहाँ दिखाए गए हैं।

बाएँ हाथ की ओर आपकी भावनात्मक शक्ति हैं और दाहिने हाथ की ओर आपकी क्रिया शक्ति है

अपने दोनों हाथों को मेरी तरफ इस तरह रखें ।

अब बाएँ हाथ को इस तरह रखें और अपने सिर को नीचे की ओर दबाएं।

और देखें कि क्या स्पन्दन जैसी ठंडी या गर्म हवा आ रही है। कृपया सरो को मोड़े, जितना संभव हो उन्हें मोड़ें।

कुछ इस प्रकार इसे सिर के पास और कुछ दूर ले जाना हैं लेकिन अपना हाथ सिर के ऊपर नहीं रखें।

अब, कृपया अपना दाहिना हाथ मेरी ओर रखें, फिर से अपना सिर नीचे झुकाए और देखें .. [अस्पष्ट]

क्या ठंडा या गर्म है ...

कृपया अपना सिर झुकाएं। एक बार और, कृपया मेरी ओर बाएं हाथ रखें,... [संकेत] देखें कि क्या यह गर्म या ठंडा है

यह गर्म है क्योंकि आपने स्वयं को या दूसरों को क्षमा नहीं किया है।

अब क्षमा करें।

अब, अपने दोनों हाथों को ऊपर उठाएं और पीछे की ओर धकेलें

और इनमें से प्रत्येक प्रश्न तीन बार पूछें, आप मुझे मां या श्री माताजी कह सकते हैं।

प्रत्येक प्रश्न को तीन बार। पहला प्रश्न यह है:

  • श्रीमाता जी क्या यह परमचैतन्य की शीतल लहरियां है?

दूसरा प्रश्न है:

  • माँ क्या यह परमात्मा की प्रेम की शक्ति है?”

और तीसरा प्रश्न है: - क्या यह परमचैतन्य है? या रुह? ”

ये प्रश्न पूछें, उनमें से कोई एक , तीन बार।

वे समझ गए है। अब, इस प्रकार से अपने हाथ रखो, अपने स्वयं पर विश्वास करो। मुझे देखो, मुझे देखो ... बिना विचार के। बिना सोचे। वे सभी जिन्होंने अपनी उंगलियों पर, या अपनी हथेलियों पर या अपने तालू भाग में ठंडी या गर्म हवा को अनुभव किया है, कृपया दोनों हाथों को उठाएं। बहुत अच्छा। सब लोग .. लगभग सभी लोग ।

परमात्मा आपको आशीर्वादित करें।

व्यवधान के होते हुए भी, आप सभी ने इसको प्राप्त किया है, आप वास्तविक साधक हैं।

हो सकता है कि आप में से कुछ नहीं लगा हो, हो सकता है कुछ [अस्पष्ट]

पहली बार, आपने इस चैतन्य लहरियों को अनुभव किया,

यह वह है जिसके बारे में मैं बात कर रही थी, लेकिन आपको पता होना चाहिए कि अब आप क्या कर सकते हैं जो आपने प्राप्त किया है, आप बहुत शांत अनुभव करेंगे लेकिन आपको बढ़ना है, यह बहुत महत्वपूर्ण है और और इसके ऊपर आपको कोई पैसा भी नहीं देना है । यह बहुत ही सरल है।

परमात्मा ‌आप सभी को आशीर्वादित करें। और चलिए एक गाना गाते हैं और आप तालियां बजाएं ताकि आपको भी चैतन्य लहरिया अनुभव हो ....और बस आनंद लें।

Teatr Komedia, Warsaw (Poland)

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