Sahajyog Sagalyana Samgra Karto 1976-05-26
Current language: Hindi, list all talks in: Hindi
26 मई 1976
Public Program
मुंबई (भारत)
Talk Language: Marathi
Public Program
[Hindi Translation from Marathi]
HINDI TRANSLATION (Marathi Talk) ऐसी विचित्र कल्पना लेकर के लोग यहाँ आते हैं। ऐसे में आपको अपनी समझदारी से चलना है। समझदारी से कार्य करना है। समझदारी तो बड़ी मुश्किल से आती है मूर्खपना तो बड़ी जल्दी से आ जाता है । ऐसे हालात में आपको अपने समझदारी को लेकर आगे बढ़ना है। मैं माँ हूँ। मैं आपकी मूर्खता और खराबियों के बारे में बताने वाली हूँ। उसे आप मत करिये, इसी में आपकी भलाई है। मैं कोई गुरु नहीं हूँ। मुझे आपसे कुछ भी नहीं चाहिए । मैं तो केवल आपकी भलाई और कल्याण चाहती हूँ। आपके हित के लिए जो अच्छा है वही में आपसे कहूँगी। इसका आप कोई बुरा न माने। अभी कुछ नये लोग आये हुए हैं। उन्हें मैं बता देती हूँ कि अगर किसी को कुछ खराब लग जायेगा तो फिर वो तो गये काम से। वाइब्रेशन्स चले जाएंगे । मैं नहीं निकालती हूँ इसे। (वाइब्रेशन्स को) आप को जो अभी आवाज आयी है वैसी ही आवाज 'ओम' जैसे हम कहते हैं उनकी होती है। समझ में आया क्या। मतलब ये जो एनर्जी बहती है और जब वो बहती है पर पूरी तरह से चैनलाइज्ड़ नहीं हुई होती है तब ऐसी आवाज आती है। जब यह चैनलाइज्ड़ होने लगती है तब ऐसी 'ओम' की आवाजें कभी अपने कानों में या फिर कभी अपने सिर में आने लगती है, तभी ये समझ लेना चाहिए कि एनर्जीपूर्ण तथा एड़जेस्ट और चैनलाइज्ड नहीं हुआ है इसलिए ऐसी आवाजें आती हैं। जब ऐसी आवाजें आती है तब आपको समझ लेना चाहिए कि वो एनर्जी अपनी अभी तक व्यवस्थित बैठी नहीं है। उसे ठीक से फिक्स करना पड़ता है। फिक्स करने का मतलब स्क्रू से नहीं। पर मन की स्क्रू से फिक्स करना पड़ता है। अगर आपको इस मन की स्क्रू को फिराना जो आ जाएगा , हालांकि हमारी तो मशीन ही अलग है, पर फिर भी आप अगर सोचकर के अपने मन के थोड़े भी स्क्रू अगर फिराने लग जाऐँ तो फिर ये जो वेस्टेज है एनर्जी का जो आपको कानों में सुनाई देती है वो पूरी तरह से निकल जाएगा और वो मौन हो जाएगा। स्वर मौन हो जाएगा। अभी तो कोई एनज्जी का स्वर आया नहीं कि हम कहते हैं कि बहुत बेस्ट पोझिशन में आया है। वैसे ही जब ये एनर्जी मौन स्थिति में आ जायें तो समझ लेना चाहिए कि हम अब उस स्थिति में हैं वहाँ हम उसका उपयोग कर सकते हैं, समझे क्या ? ओम का जो अर्थ है, लोग बोलते है कि 'अन्दर से ओम की आवाज आती है, सात तरह की आवाजें आती हैं।' ऐसा कहना ठीक नहीं है। ऐसी आवाज नहीं आनी चाहिए। इसमें से बहुत सारी आवाजें आती हैं। ऐसे आवाज आना मतलब मशीन बिगड़ा हुआ है। ये बिगड़ा हुआ नहीं है पर इस मशीन में से आने वाली जो शक्ति है वो ठीक तरह से अॅडजस्ट नहीं हो रही है। जो लोग कहते हैं कि 'ओम' का आवाज आना मतलब उन्होंने बहुत कुछ पा लिया है, लेकिन ऐसा उनका मानना ठीक नहीं है, ये उनका आधा-अधुरा नॉलेज है। इसी वजह से उनकी समझ में में नहीं आता है कि वे कितने गलत है। असल में आवाज वगैराह नहीं आनी चाहिए पर अगर शुरूआत आवाज आयी तो कोई बात नहीं। अभी एनर्जी आने लग गयी हैं, अॅडजस्ट करके लेना है (शक्ति को) । ये क्या है-ये आवाज क्यों आती है? इसे क्यों अॅडजस्ट करना चाहिए? अॅडजस्ट करने पर ही हमें समझ में आता है कि ये अभी 4
Hindi Translation (Marathi Talk) ठीक तरह से आने लगी है, इस एनर्जी को अभी पाना चाहिए, लेने के लिए या देने के लिए, दोनो के लिए । ये अब माइक देखिए । अगर इस में से आवाज (कोई और आवाज) आती है तो मेरी आवाज कैसे सुनाई देगी! ऐसे में अगर अँडजस्टमेंट में जरासा भी फर्क पड़ता है तो परमात्मा की आवाज और उनकी शक्ति अपने अन्दर से कैसे निकलेगी ? ऐसे में इस मशीन को पूरी तरह से मौन हो जाना चाहिए। उसी तरह आपकी शक्ति को भी अन्दर से मौन हो जाना चाहिए। मौन होना मतलब सर्वश्रेष्ठ को हासिल करना। अभी कुछ दिन पहले हठयोग पर मैं एक पुस्तक पढ़ रही थी। उसमें लिखा हुआ है कि इस तरह की आवाज़ अन्दर से आती है। इसका मतलब क्या है? मशीन बिगड़ा हुआ है। मशीन हमने बनाई है इसलिए हमें मालूम है कि मशीन खराब है, इसलिए इन लोगों का मत सुनो। वो कुछ ठीक नहीं है। आवाज़ आती है मतलब मशीन खराब है और शक्ति अॅडजस्ट नहीं हो रही है। इसका तकलीफ होगी तभी आपको इस तरह की अनुभव आपको भी आएगा। जब आप बिमार होंगे, आपको कुछ आवाज़ें सुनाई देगी। सिर में तकलीफ होने लगेगी । जब आप पूरी तरह से स्वस्थ होंगे तब आपके अन्दर ये 'मौन रहेगा। मौन और शान्ति ये दोनो ही आपके अन्दर स्थापित होंगे। परमेश्वर का आप सबको अनन्त आशीर्वाद !